Friday 20 July 2012

डेरा में बाबा कैप्सूल खाकर मना रहे थे रंगरेलियां


होशियारपुर के एक होशियार बाबा की करतूत देख कर शैतान भी शर्मा जायेगा घटना है बुल्लोवाला की जहा एक बाबा अपने डेरे में ही रंगरलिय मन रहे थे किसी ने पास के थाने में सूचना दे डाली फिर क्या पुलिस पहुची और बाबा को नंगा गिरफ्तार किया 
.बुल्लोवाल पुलिस ने देर शाम बुल्लोवाल नंदाचौर रोड पर स्थित विख्यात डेरा आनंदगढ़ शहीद सिंघा में कथित रूप से आपत्तिजनक हालत में एक युवक व महिला के साथ डेरे के बाबा तेजा सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने डेरे के कमरे से न सिर्फ शराब व बीयर की बोतल बल्कि जोश लाने वाले कैप्सूल भी बरामद करने का दावा किया है।

यह कार्रवाई होशियारपुर की सत्कार कमेटी की सूचना पर की गई है। सोमवार देर रात डेरे में एक महिला व एक युवक को आते देख कमेटी के सदस्यों ने फौरन इसकी सूचना बुल्लोवाल पुलिस को दे दी। एसएचओ गुरविंदर सिंह ने पुलिस के साथ डेरे में पहुंच तीनों को ही गिरफ्तार कर लिया। एसएचओ गुरविंदर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में डेरे के बाबा तेजा सिंह, युवक बलजिंदर सिंह, जो ताजोवाल गांव का रहने वाला है और गिरफ्तार महिला नजदीकी गांव परागपुर की है। महिला शादीशुदा है व उसका पति व बच्चे दिल्ली में रहते हैं।

महिला पंजाब में बतौर डांसर काम करती है। बुल्लोवाल पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 295 ए के साथ इमॉरल ट्रैफिक एक्ट की धारा 3, 4 व 5 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस कल तीनों ही आरोपियों को अदालत में रिमांड के लिए पेश करेगी।

2 comments:

  1. यदि कुरान और हदीसों को ध्यान से पढ़ें, तो उसमे अल्लाह के द्वारा जितने भी आदेश दिए गए हैं, सब में केवल जिहाद ह्त्या लूट बलात्कार और अय्याशी से सम्बंधित है.

    कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति इनकी ईश्वर के आदेश मानने से इंकार कर देगा. अप देखेंगे की अल्लाह हमेशा मुहम्मद का पक्ष लेता है, मुहम्मद के हरेक कुकर्म को किसी न किसी आयात से जायज बता देता है. मुहम्मद के लिए औरतों का इंतजाम करता है, मुहम्मद के घरेलु विवाद सुलझाता है, मुहम्मद के पापों पर पर्दा डालता है आदि आदि.

    यूरोप के विद्वान् इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि वास्तव में अल्लाह एक कल्पित चरित्र है. अल्लाह का कोई अस्तित्व नहीं है. अल्लाह और कोई नहीं मुहम्मद ही था. जो अल्लाह का रूप धरकर पाखण्ड कर रहा था और लोगों को मूर्ख बनाकर अपनी मनमर्जी चला रहा था और अय्याशी कर रहा था.

    कुरान अल्लाह की किताब नहीं, बल्कि मुहम्मद, आयशा और वर्क बिन नौफल की बेतुकी बातों का संग्रह है और हदीसें मुहम्मद के साथियों द्वारा चुगली की गयी बातें हैं.यहाँ पर उन्हीं तथ्यों की समीक्षा की जा रही है, जिस से साबित होता है की मुहम्मद अलाह की खाल ओढ़कर अपनी चालें कैसे चलता था.

    इसके लिए प्रमाणिक हदीसों और कुरान से हवाले लिए गए हैं ---

    1 -अल्लाह को केवल मुहम्मद ही जानता था ---

    रसूल ने कहा कि केवल मुझे ही अलह के बारे में पूरी पूरी जानकारी है, कि अल्लाह कैसा है, और कहाँ रहता है, और भवष्य में क्या करने वाला है" -- सही मुस्लिम -किताब 30 हदीस 5814.

    आयशा ने कहा कि, जब भी मोमिन रसूल के पास आकर, उन से अल्लाह और रसूल के अधिकारों, के बारे में कोई सवाल करता था, तो रसूल एकदम भड़क जाते थे, और कहते थे कि, मैं अल्लाह को अच्छी तरह पहिचानता हूँ. मुझ में और अल्लाह में कोई फर्क नहीं है. मैं अल्लाह के बारे में तुम सब से अधिक जानता हूँ" -- बुखारी - जिल्द 1 किताब 2 हदीस 19".

    सईदुल खुदरी ने कहा कि, रसूल ने कहा कि, जन्नत में केवल उन्हीं लोगों को ऊंचा स्थान मिलेगा जो, अल्लाह के साथ मुझे भी आदर देंगे और मुझे चाहेंगे" -- बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 478".


    2 -अल्लाह मुहम्मद को औरतें भेजता था ---

    खौला बिन्त हकीम नामकी एक औरत रसूल के पास गयी, रसूल ने उस से सहवास कि इच्छा प्रकट की, लेकिन आयशा को यह पसंद नहीं आया. इस पर रसूल ने कहा कि, आयशा क्या तुम नहीं चाहती हो, आल्लाह मुझे औरतें भेजकर मुझे ख़ुशी प्रदान नहीं करे. इस औरत को अल्लाह ने मेरे लिए ही भेजा है". --- बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 48" .


    3 -अल्लाह मुहम्मद का पक्ष लेता था ---

    "अब्ब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब ने कहा कि, रसूल से मैंने सुना कि रसूल ने कहा अल्लाह हमेशा मेरा ही पक्ष लेता है. और मेरी हरेक बात को उचित ठहरा देता है. मेरे मुंह से अल्लाह ही बोलता है. "सहीह मुस्लिम -किताब 1 हदीस 54".


    4 -मुहम्मद को गाली,अल्लाह को गाली ---

    "अबू हुरैरा ने कहा कि, जब कुरैश के लोग रसूल को मुहम्मद कि जगह "मुहम्मम" कहकर चिढाते थे तो, रसूल ने कहा क्या तुम लोग यह नहीं जानते हो कि, तुम अल्लाह को चिढ़ा रहे हो. इससे तुम पर अजाब पड़ेगा. "बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 773.


    5 -मुहम्मद कि जुबान अल्लाह कि जुबान ---

    "अबू मूसा ने कहा कि, रसूल ने कहा, मैं जो भी कहता हूँ वह मेरी नहीं बल्कि अल्लाह कि जुबान है. जिसने मेरी बात मानी समझ लो उसने अल्लाह कि बात को मान लिया "अबू दाऊद-किताब 3 हदीस 5112".

    "आयशा ने कहा कि,हिन्दा बिन्त उतबा रसूल के पास शिकायत लेकर आई और बोली कि, मुझे अबू सुफ़यान से खतरा है, क्या मैं अपना घर छोड़ कर चली जाऊं, क्या सुफ़यान को अल्लाह का खौफ नहीं है. रसूल ने कहा तुम डरो नहीं, तुम्हें कुछ नहीं होगा. यह मेरा नहीं अल्लाह का वायदा है. "सहीह मुस्लिम -किताब 18 हदीस 4254.

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  2. 6 -मुहम्मद को अल्लाह का डर नहीं था ---

    "आयशा ने कहा कि,एक बार जैसे ही रसूल घर में दाखिल हुए तो एक यहूदिन ने चिल्लाकर रसूल से कहा कि क्या तझे पता नहीं है कि कयामत के दिन अल्लाह तेरे गुनाहों के बारे में सवाल करेगा. रसूल ने कहा कि मुझे इसका कोई डर नहीं है मैं खुद अपने आप से सवाल क्यों करूंगा" मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1212".

    "अम्र बिन आस ने कहा कि, रसूल ने कहा कि, अल्लाह तो मेरा दोस्त है. और वह मुझसे या मेरे बाप दादाओं या मेरे साथियों से उनके गुनाहों के बारे में कोई सवाल नहीं करेगा. और मई सब गुनाह माफ़ कर दूंगा "मुस्लिम -किताब 1 हदीस 417. इब्ने माजा -किताब 1 हदीस 93".


    7 -मुहम्मद से नीची आवाज में बोलो ---

    "हे ईमान वालो ,अपनी आवाजें रसूल की आवाजों से ऊंची नहीं करो ,और जो लोग रसूल के सामने अपनी आवाजें नीची रखते है .अल्लाह उनके लिए क्षमा और उत्तम बदला देगा "सूरा -अल हुजुरात 49 :2 और 3".


    8 -अल्लाह के नाम पर मुहम्मद का कानून ---

    "जब अल्लाह का रसूल की फैसला कर दे ,तो किसी को कोई अधिकार नहीं रह जाता है कि ,वह रसूल कि वह रसूल के फैसले कि अवज्ञा कर सके ." -- सूरा -अहजाब 33 :36 ".

    "इब्ने अब्बास ने कहा कि ,जो रसुल के आदेश को कबूलकरेगा और मान लेगा समझ ले कि उसाने अल्लाह केअदेश को मान लिया .और जो रसूल के आदेश का विरोध करेगा वह अल्लाह का विरोध माना जाएगा "बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 634" .


    9 -मुहम्मद का आतंक अल्लाह का आतंक ---

    "अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,मैं लोगों ले दिलों में आतंक पैदा कर दूंगा .और जो आतंक होगा वह अल्लाह के द्वारा पैदा किया आतंक समझा जाये --- "सहीह मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1066 और 1067" .


    10 -अल्लाह ने शादियाँ तय करवायीं ---

    "जब मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधू जैनब बिन्त से अपनी शादी करवाई थी ,वह शादी खुद अल्लाह ने ही करवायी थी .उस समय अल्लाह के आलावा कोई दूसरा नहीं रसूल ही थे "सहीह मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1212 ".


    11 -अल्लाह के बहाने अली बोलता था ---

    "जाबिर बिन अब्दुल्लाह ने कहा कि ,अक्सर जब रसूल कोई महत्वपूर्ण आयत सुनाने वाले होते थे तो ,सब को बुला लेते थे .फिर अपने घर के एक गुप्त कमरे में अली को बुला लेते थे .जबीर ने कहा कि इसी तरह एक बार रसूल ने हमें बुलाया ,फिर कहा कि एक विशेष आयत सुनाना है .फिर रसूल अली को एक कमरे में ले गए .आर कहा कि इस आयत में काफी समय लग सकता है इसलिए अप लोग रुके रहें ,हमने चुप कर देखा कि अली ,रसूल से अल्लाह की तरह बातें कर रहा था .वास्तव में कमरे में रसूल और अली के आलावा कोई नहीं था .अलह कि तरह बातें करने वाला और कोई नहीं बल्कि रसूल का चचेरा भाई अली था "शामए तिरमिजी हदीस 1590 ".


    इस सारे विवरणों से साफ पता चलता है कि ,अल्लाह का कोई अस्तित्व ही नहीं है .यह मुहम्मद की चालबाजी और पाखंड था .अरब के मुर्ख ,लालची लोग मुहाम्मद की बे सर पैर की बातों को अल्लाह का आदेश मान लेते थे .आज भी कई ढोंगी बाबा ,फकीर इसी तरह से लोगों को ठगते रहते है .चूंकि आज विज्ञानं का प्रचार होने से लोग ऐसे ढोंगियों को जल्द ही भंडा फोड़ देते हैं .और पाखंडियों को जेल के अन्दर करा देते हैं .और ढोंगियों के जाल से बच जाते है .

    आज इस बात की अत्यंत जरुरत है कि दुनिया के सबसे बड़े धूर्त ,पाखंडी ,और अल्लाह के नाम पर आतंक करने वाले स्यंभू रसूल का विश्व स्तर पर भंडा फोड़ा जाये .तभी लोग शांति से जी सकेंगे .अल्लाह को मानाने या उस से डरने कि कोई जरुरत नहीं है .मुहम्मद ही अल्लाह बना हुआ था .

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