Sunday 22 April 2012

बलात्कारी अमेरिका

अमरीका में एक अध्ययन में पता चला है कि वहाँ लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं के साथ उनकी ज़िंदग़ी में कभी न कभी बलात्कार हुआ या उसकी कोशिश की गई.सेंटर्स फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के अनुसार इससे भी ज़्यादा 25 प्रतिशत महिलाओं पर उनके पति या पार्टनर ने हमला किया.राष्ट्रीय स्तर पर हुए इस अध्ययन के तहत ये देखा गया है कि पुरुषों या महिलाओं को अपने जीवनसाथी की ओर से किस तरह की यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है.रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर एक करोड़ 20 लाख मामले दर्ज हुए जिनके मुताबिक़ हर मिनट बलात्कार, हिंसा या छेड़छाड़ के 24 मामले रहे.
सेंटर के विशेषज्ञों ने इस सर्वेक्षण के नतीजे चौंकाने वाले बताए हैं.सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों के अनुसार:
सर्वे से पहले के 12 महीनों में 10 लाख से ज़्यादा महिलाओं ने बलात्कार की शिकायत दर्ज की 60 लाख से ज़्यादा महिलाओं और पुरुषों का पीछा किया गया लगभग सवा करोड़ महिलाओं और पुरुषों ने एक साल में अपने जीवन साथी की ओर से बलात्कार, शारीरिक हिंसा और छेड़छाड़ की शिकायत की

जीवन पर असर

सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के नेशनल सेंटर फ़ॉर इंजरी प्रिवेंशन ऐंड कंट्रोल की निदेशक डॉक्टर लिंडा डेगुटिस ने कहा, "जो लोग अपने जीवन साथी की ओर से यौन हिंसा या अन्य हिंसा का शिकार होते हैं उनके जीवन पर उसका गहरा असर रहता है."

बलात्कार या यौन हिंसा का शिकार अधिकतर लोगों के साथ ऐसा उनके जीवन के शुरुआती वर्षों में होता है. बलात्कार पीड़ितों में से 80 प्रतिशत ने बताया कि उनके साथ ऐसा 25 साल की उम्र से पहले ही हो गया था.डॉक्टर डेगुटिस के अनुसार 35 प्रतिशत महिलाएँ ऐसी थीं जिनका 18 साल की उम्र से पहले ही बलात्कार हो गया था और फिर वयस्क होने पर भी उन्हें वो सब सहना पड़ा.अध्ययन से पता चलता है कि इन घटनाओं का शिकार लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर काफ़ी चिंता हो जाती है और वे तनावग्रस्त भी हो जाते हैं.बलात्कार या हिंसा का शिकार महिलाओं में दमा, डायबिटीज़, अक़सर सिर में दर्द रहना, तेज़ दर्द या सोने में मुश्किल जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं.पुरुषों पर हमले के भी मामले दर्ज किए गए हैं और पाया गया है कि बलात्कार या यौन हिंसा का शिकार होने वाले पुरुषों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है.अध्ययन के अनुसार हर सातवाँ पुरुष बलात्कार का शिकार हुआ है या कभी न कभी उसके साथ बलात्कार की कोशिश हुई है.जिन पुरुषों के साथ उनके जीवन साथियों ने बलात्कार किया उनमें से 53 प्रतिशत के साथ ऐसा 25 साल की उम्र से पहले हुआ.इसके अलावा पीड़ित पुरुषों में से 25 प्रतिशत के साथ ऐसा 10 साल या उससे कम उम्र में ही हो गया था.

Sunday 8 April 2012

दुनिया का सबसे नापसंदीदा कुत्ता मोदी


times  पत्रिका की ओर से चुने गए दुनिया की सौ प्रभावशाली हस्तियों के टॉप 15 में एशिया के ४ लोग 


है राजनेतिक कुत्ता  नरेंद्र मोदीके साथ इमरान खान, आग सान सू की तथा अशर बशद ने जगह बनाई 


है। मोदी नापसंदी के भी महारथी निकला जिसे  नापसंद करने वालों ने अधिक वोट दिया। सूची में 


बराक ओबामा, अन्ना हजारे, नीतीश कुमार, सचिन तेंदुलकर, हिलेरी क्लिंटन मोदी से पिछड़ गए। 


मोदी सौ पसंदीदा हस्तियों की सूची में तीसरे स्थान पर और नापसंदगी की सूची में प्रथम स्थान पर 


रहे। एक हैकर ग्रुप एनोनिमस को पहला स्थान मिला।प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तथा काग्रेस 


अध्यक्ष सोनिया गाधी क्रमश: वर्ष 2010 तथा 2011 में टाइम के सौ प्रभावशाली लोगों की सूची में 


स्थान पा चुके हैं जबकि वर्ष 2012 के लिए चुने गए एक सौ हस्तियों की सूची में गुजरात के मुख्यमंत्री 


नरेंद्र मोदी आखिरी समय में पिछड़कर तीसरे स्थान पर आ गए। मोदी को पसंद करने वालों ने 2 लाख 


56 हजार 792 वोट दिए जबकि नापसंद करने वालों ने 2 लाख 66 हजार 684 मत दिए। उधर सीरिया 


में विरोध का सामना कर रहे राष्ट्रपति बशर अशद को भी पसंद करने वालों ने 91 हजार 632 जबकि 


नापसंद करने वालों ने 98 हजार 387 मत दिए।पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर एवं तहरीक ए इंसाफ पार्टी 


के मुखिया इमरान खान ने शुरुआत से आखिर तक 5वा स्थान बरकरार रखा। पाकिस्तान में उनकी 


बढ़ती लोकप्रियता के मुताबिक उन्हें एक लाख 16 हजार 130 मत मिले जबकि 25 हजार 447 ने उन्हें 


भी नापसंद किया। म्यामार में हाल ही में चुनाव जीतने वाले नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता 


आग सान सूकी इस सूची में 14वें क्रमाक पर रहीं, उन्हें 45 हजार 688 लोगों ने पसंद किया जबकि 


2625 ने नापसंदगी का मत दिया। द 2012 टाइम 100 पोल नामक ऑनलाइन मतदान में अमेरिकी 


राष्ट्रपति बराक ओबामा महज 25 हजार 373 मतों के साथ 21 वें स्थान पर रहे जबकि वर्ष 2010 की 


सूची में वे चौथे क्रमाक पर रहे थे, इसी सूची में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 19वें क्रमाक पर चुने गए 


थे। जबकि वर्ष 2011 में काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी इस सूची के 91वें क्रम पर रही थीं।प्रधानमंत्री 


पद की दावेदारी में मोदी के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 45 वें नंबर 


पर रहे जिन्हें 13 हजार 400 मत मिले जबकि भारत में भ्रष्टाचार विरोधी अगस्त क्राति के नायक 


अन्ना हजारे 23 हजार 977 मतों के साथ 22वें स्थान पर रहे। रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन 


ग्यारवें क्रमाक पर रहे जबकि अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार रोन पॉल 


को 12वें नंबर पर ही संतोष करना पड़ा। इनके अलावा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर लियोनेल मेसी 


दसवें, पॉप गायिका लेडी गागा 18वें, शकीरा 19वें, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर 25वें, अमेरिकी विदेश 


मंत्री हिलेरी क्लिंटन तीसवें, मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक 158वें, रानी एलिजाबेथ द्वितीय 75वें, 


अभिनेता सलमान खान 66वें तथा ऊलाला गर्ल विद्या बालन 33वें स्थान पर रहीं।टाइम के ऑनलाइन 


पॉल के अंतिम 48 घटे तक मुख्यमंत्री मोदी पहले पायदान पर आ गए थे लेकिन आखिरी चौबीस घटे 


में उनके खिलाफ करीब डेढ लाख वोट पड़े। जबकि दूसरे स्थान पर रहे उद्यमी एरिक मार्टिन को भी 


आखिरी 24 घटे में भारी मत मिले। टाइम की सूची में ट्रेंड के मुताबिक हैकर ग्रुप संचालित एक 


गुमनाम चरित्र एनोनिमस ने भी अपने नाम की ही तरह आखिरी समय में जबरदस्त 3 लाख 95 


हजार 793 वोट बटोरकर पहले नंबर पर आ गया।

नीलम खान -- पूर्वांचल की IRON लेडी के साथ कांग्रेस का धोखा

नीलम खान का पहले मै आप सबको परिचय करवा देता हु ये है कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनारस की जन्मी नीलम खान की शादी कांग्रेस के एक जुझारू मुस्लिम नेता नुसरत खान के साथ हुई एक सीढ़ी सधी घरेलू महिला ने अपनी शादी के बाद गरेलू जीवन हसी ख़ुशी बिताना शुरू किया तीन छोटे छोटे बच्चे और पति ये थी उसकी पूरी दुनिया उसको क्या पता था की उसके पति की मुस्लिमो की हमदर्दी उसके लिए मुसीबते लेकर आरही है बात उन्दिनो की है जब मुसलमानों को 1997 में छात्रवृत्ति के नाम का ढकोसला शुरू हुवा था इसको ढकोसला कहना सही होगा क्योकि उस वक्त बनारस के मुस्लमान लडको से उनके कागज़ात जमा करवा लिया जाता था और पैसा उस वक्त के एक मंत्री के जेब में जाता था । नुसरत साहेब काफी जुझारू नेता थे फिर क्या उन्हों ने उठा लिया बीड़ा इन्साफ दिलवाने का और लग गए इन्साफ की लड़ाई में दिन था १३ जनवरी १९९९ की दोपहर १० बजे का समय था उस वक्त के शिक्षा मंत्री वीरेंदरसिंह अपने घर पर मौजूद थे बनारस में नुसरत साहेब ने उनके घर के आगे मंत्री जी से प्रोटेस्ट किया मंत्री जी के सामने आत्मदाह की कोशिश की और बेचारे अल्लाह को प्यारे हो गए उनकी फाइल मंत्री जी ने धुल खाने को भेज दी थाने में और उसपर आजतक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई । और यही से शुरू हुवा नीलम खान की मुफलिसी का दौर
तीन छोटे छोटे यतीम बच्चे और भूख ।
इत्तिफाक से मै भी उनके पड़ोस में रहता हु सारे मुहल्ले के बुजुर्गो ने मिलकर एक मीटिंग की और नीलम खान को सभासदी का चुनाव लड़वाने का फैसला किया गया वो घरेलु औरत चुनाव लड़ी और उसकी जीत हुई जीत भी ऐसी की सबकी ज़मानत ज़ब्त हो गयी यहाँ से उसका राजनीतिक सफ़र शुरू हुवा समाज सेवा का जज्बा दिल में रख कर समाज सेवा शुरू की और जल्दी ही शहर में उनकी पहचान बन गयी । सन २०१२ के विधान सभा चुनाव में अपनी उम्मेदवारी उन्होने पेश की जो सबसे बेहतर उम्मेदवार भी थी ये वह के पुरवा सांसद राजेश मिश्र को पसंद नहीं आया की वो इतना ऊपर कैसे बढ़ सकती है और उनको दर सताने लगा की अगर उसको टिकट मिला तो वो जीत जाइगी और कही ऐसा न हो की विधायक बनने के बाद अपने पति की फाइल को दुबारा खुलवा ले और उसमे उनके दोस्त वो पुरवा मंत्री फंस न जाये ।
यही सोच लेकर उन्होने टिकट दिया (या दिलवाया) दयालु मिश्र को (जिनके पैंट के नीचे भगवा चड्ढी है ) ये मिश्र जी RSS के पुराने कार्यकर्ता रहे है । उस विधान सभा में ६३% वोट मुसलमानों का होने के बाद भी एक ऐसे आदमी को टिकट दिया गया जो भगवा चड्ढी धरी था जिसपर नीलम ने प्रोटेस्ट किया जिसमे बडे नेताओ  ने कहा की आपको उतरी से टिकट देता हु जिसके लिए राजेश मिश्र ने हा भी किया मगर मिश्र जी दिल के कमज़ोर इंसान है वो अगये बसपा से की एक नेता क हुस्न के चक्कर में और उनको बसपा से बुलाकर कांग्रेस का टिकट दिया फिर क्या था दोनों सीटे जीती भाजपा ने क्योकि राजेश मिश्र जी उसको ही जिताना चाहते थे और  मुसलमानों को मुह की खानी पड़ी 
तो ये है कांग्रेस में मुसलमानों की औकात फिर भी ३८% रायबरेली में हमारी जम्हूरियत के बाद लोग राहुल गाँधी को जीतते है और राहुल बाबा मुह उठा कर कहते है की अगर कोई मिला इस काबिल तो मुस्लमान भी प्रधान मंत्री बनेगा मै कहना चाहता हु राहुल जी नज़र उठाओ एक नहीं एक हज़ार मिल जाएगी ।सबको छोडो ३ महिना और मै खुद देश से आतकवाद और गरीबी दूर कर दूंगा ।
मगर आपको कोई नहीं दिखेगा राहुल जी क्योकि आपकी आँखों पर भी धर्म का चश्मा चढ़ा है और आपकी पैंट के नीचे भी भगवा चड्ढी है । इस बार लोकसभा चुनाव में आपको कला झंडा दिखाने के साथ ही मै दावा करता हु की वहा क मुसलमानों को एक करूँगा की आप हार का मुह देख ले ।