Friday 18 May 2012

मुसलमानों को बदनाम करते इतिहासकार

भारत में मुस्लिम हुक्मरानों की छवि को जितना बिगाड़ा गया है उतना शायद अंग्रेजों को भी नही.. अक्सर कहा जाता है की मुस्लिम शासकों ने भारतीय जनता पर ज़ुल्म के पहाड़ तोड़े ..हिन्दू अतिवादी संगठन तो बा काएदा एक चलाकर तस्वीर छापकर मीडिया का सहारा लेकर तमाम मुस्लिम शासकों को महा ज़ालिम खूंख्वार साबित करने की कोशिश करते हैं..ओरन्ग्ज़ेब जेसे नेक शासक को इसका सबसे ज्यादा शिकार बनाया गया..ये आज तक मेरी समझ में नही आया की जो इन्सान राजकोष से एक पैसा भी अपने खर्च के लिए नही लेता टोपी सीकर और कुरान लिख कर अपना और अपनी पत्नी का रिजक हासिल करता हो, तक्वा और अल्लाह का डर उसके दिल में..इतना था की वो मैदाने जंग में भी नमाज़ नही छोड़ता था..ऐसा हाकिम केसे छोटे बच्चों को दिवार में चिनवा सकता है. और तो और जलते तेल में डालना और न जाने क्या क्या .. अगर आज हिंदुस्तान को ओरंगजेब जेसा शासक मिल जाए ..तो किया आज के चोर नेता उससे नज़र मिला सकते हैं..

दूसरी बात ये के अगर मुस्लिम शासकों ने तलवार के जोर पर धर्म परिवर्तन कराया तो ..ये राजपूत जो अपने धर्म ,देश पर मर मिटने के लिए जाने जाते हैं. बहादुर होते थे और हैं भी..ये केसे तलवार के बल पर मुस्लमान हो गए ..आज मुसलमनो में बहुत से राजपूत मोजूद हैं..तलवार के बल पर तो लड़ने मरने मे कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां जेसे पंडित और बनिया सबसे पहले मुस्लमान होनी चाहिए थीं ..मगर ऐसा नही है..एक और बात सती, नगा साधुओं का नंगा नाच ये सब इस्लाम में बहुत बुरा माना जाता है इन सबको मुस्लिम शासकों की तलवार क्यों ख़त्म नही केर सकी..क्योंकि मुस्लिम शासकों ने कभी हिन्दू धर्म से कोई छेड़छाड़ नही की..झूट के पुलिंदे तो बहुत सरे बंधे जा सकते हैं पर जब भी निष्पक्ष होकर सोचने बैठोगे तो सच कुछ और ही सामने आता है.. आप सोमनाथ मंदिर का इतिहास उठाकर देख लीजिये वहां होन वाले अत्याचार को खत्म करने के मुस्लिम शासको के प्रशंसनीय प्रयास को देख लीजिये .................
मगर स्थिति यह है की तुगलक जो अपने समय से 100 साल आगे की सोचता था को एक तानाशाह और सनकी बादशाह करार दिया गया और वही ठंडे दिमाग से उसके चलायेगाये नियमो को देखे तो यह अपने यूग की सोच रखने वाला शासक कहलायेगा ।